Tuesday, 23 October 2012

महफ़िल

जश्न मौत का मेरी मनाओ यारों,
अश्क मय्यत पे ना मेरी बहाओ यारों,
आज महफ़िल आखरी है यारों के साथ,
इस मौके पे जाम हमें भी पिलाओ यारों…

मौत

मौत भी आई तो दुश्मनी कर बैठी,

ना जानती थी के हम सबसे अजीज़ होते,

एक बार हाथ बढ़ा के साथ तो ले जाती,

हम तो जन्मों तक उसके मुरीद होते…