Monday, 16 December 2013

भागम-भाग

भागते हैं वो हम से ऐसे,
मानो हम उन्हें दौड़ कर पकड़ लेंगे,
और वो ये भी जानते हैं,
बिन सहारे उनके,
हम एक कदम भी नहीं चल पाते हैं...

Monday, 9 December 2013

गम

हर ख़ुशी को ख़ुशी नहीं कहते,
हर ज़िंदगी को ज़िंदगी नहीं कहते,
इक गम होता है हर हंसी के पीछे,
पहचान सको तो वो गम नहीं रहते...

प्यार

सुना है हर ख़ुशी के पीछे एक गहरा राज़ होता है,
कहीं कोई हंसता है तो कहीं कोई रोता है,
पर ऐसा अक्सर प्यार में ही क्यों होता है,
के यहां भी कोई रोता है और वहां भी कोई रोता है...

तन्हाई

अश्कों के पीछे की तन्हाई तो सब जानते हैं,
पर मेरी तो हंसी की गहराई भी तू पहचानती है,
तुझे याद करके आंसूं कैसे बहाऊँ मैं,
इस दिल की धड़कन तो आज भी तुझे ही अपना मानती है…

Friday, 18 October 2013

पिंजरा

अब तो आलम कुछ ऐसा है,
कि पिंजरे के खुलने से भी डर लगने लगा है,
बाहर जन्नत हो या हो खुशबू-ए-आजादी
ये पिंजरा ही अपना-सा लगने लगा है...

Thursday, 17 October 2013

जश्न

जश्न मौत का मेरी मना लेना,
इक जाम मेरे नाम का भी छलका देना,
छोटी सी इक ख्वाहिश शेष है अब मेरी,
दिल में बसी हर याद को मेरे साथ ही जला देना…