सुना है हर ख़ुशी के पीछे एक गहरा राज़ होता है, कहीं कोई हंसता है तो कहीं कोई रोता है, पर ऐसा अक्सर प्यार में ही क्यों होता है, के यहां भी कोई रोता है और वहां भी कोई रोता है...
अश्कों के पीछे की तन्हाई तो सब जानते हैं, पर मेरी तो हंसी की गहराई भी तू पहचानती है, तुझे याद करके आंसूं कैसे बहाऊँ मैं, इस दिल की धड़कन तो आज भी तुझे ही अपना मानती है…