अश्कों के पीछे की तन्हाई तो सब जानते हैं,
पर मेरी तो हंसी की गहराई भी तू पहचानती है,
तुझे याद करके आंसूं कैसे बहाऊँ मैं,
इस दिल की धड़कन तो आज भी तुझे ही अपना मानती है…
पर मेरी तो हंसी की गहराई भी तू पहचानती है,
तुझे याद करके आंसूं कैसे बहाऊँ मैं,
इस दिल की धड़कन तो आज भी तुझे ही अपना मानती है…
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