Monday, 9 December 2013

तन्हाई

अश्कों के पीछे की तन्हाई तो सब जानते हैं,
पर मेरी तो हंसी की गहराई भी तू पहचानती है,
तुझे याद करके आंसूं कैसे बहाऊँ मैं,
इस दिल की धड़कन तो आज भी तुझे ही अपना मानती है…

No comments:

Post a Comment