अजीब संयोग है ना, जिन्हे ये शक्ल देखना भी ग़वारा ना था,
आज अंतिम दर्शन की कतार में सबसे आगे खड़े हैं,
अगर पता होता कि इस मौके पे उनका दीदार नसीब होगा,
तो कमबख्त साँसों को उनके इंतज़ार में ना रोका होता ||
आज अंतिम दर्शन की कतार में सबसे आगे खड़े हैं,
अगर पता होता कि इस मौके पे उनका दीदार नसीब होगा,
तो कमबख्त साँसों को उनके इंतज़ार में ना रोका होता ||
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